द्स्गात्र के पहिले दिन जिस अन्न से पिंड दान करे दस दिन तक उसी अन्न से पिंड दान देना चाहिए ।
पिंड दान रोज देना चाहिए सम्भव न हो तो ,तीसरे दिन तीन , पांचवें दिन दो , सातवें दिन दो , नवे दिन दो ओर दसवे दिन एक देना चाहिए ।
जो ये भी न क्र सके तो दसवे दिन दसों पिंड का दान एक साथ करे । पर करे जरुर ॥
माता पिता के अतिरिक्त किसी एनी सम्बन्धी का दस गात्र हो रहा हो और बिच में अमावश्या आ जाए तो उसी दिन द्सगात्र के दस पिंड दान क्र दे । ध्यान रहे माता पिता केलिए अमावश्या आने से कोई फर्क नही उन्हें दस दिन तक पुरे दस पिंड दान करे । ( अन्त्य कर्म दीपक से ) ।
पिंड दान सामग्री -----गंगाजल मिक्स जल, पलाश के पत्ते , दोना ,अगरबत्ती , घी की बत्ती ,गे का दूध ५० ग्राम प्रति दिन , चीनी , गे के दूध में बनी खीर या जो का आटापिंड बनाने को , कुश २५ नग , तिल २०० ग्राम , मधु ५० ग्राम , दिया जलाने को तेल तिल का , आसन , घी, सुपारी १० , पान१० , सफेद ऊर्ण सूत्र १ मीटर ,भ्रन्गराजप्रे १०० ग्राम , खस १००ग्रम , चावल १किलो , और मीठा।
प्रथम पिंड दान -----पूर्व की ओर मुख करके बैठे सामने तेल का दीपक जला ले , दो कुशों की पवित्री दाहिने हाथ की अनामिका में और तिन कुशों की बाएं हाथ की अनामिका में पहिने और केशवाय नम , नारायणआय नमः , माधवाय नमः , से आचमन करे । फ़िर अंगूठे से मुख ,नाक ,कण आँख ,ह्रदय तथा नाभि का स्पर्श करे ।
अपने उपर तथा सामग्री के उपर लज छिडके बाये हाथ में पिली सरसों लेकर दये हाथ से बंद करले भगवान का ध्यान करके चारो दिशा में डाले । ( यह सभी कार्य पंडित की देख रेख में करे ) ।
एक चोकी या वेदी बनाये फ़िर दूध घी मधु से सिक्त खीर या जो के आटा से पिंड बनाये । उसे इत्र्हुश तिल जल सहितदोना से डंक कर हाथ में लेकर प्रथम दिन के दान का स्नाक्ल्प बोले फ़िर बाएं हाथ की सहायता से दये हाथ के पितृ तीर्थ ( अंगूठे और तर्जनी के मध्य भाग को पितृ तीर्थ कहते है ) से वेदी के बिच कुशों पर स्थित करे ।
फ़िर पिंड का पूजन करके धुप दीप नेवेद्य आदि , तर्पण आदि जो भी पंडित जी बताये करना चाहिए ।
इसी तरह एक एक करके पुरे दस दिन तक करना चाहिए ।
कर्म की सम्पूर्णता के लिए भगवान से प्राथना करे।
पिंड प्रक्षेप -----पिंड दान के बाद दीपक बुझा दे ( बच्चों को ये कृत्य न दिखाए )पिंड तथा पूजा में उपयोग की गी साडी सामग्री ( कुश को छोड़ कर ) नदी अथवा जलाशय मेंबहा दे या गाय को खिला दे बेदी को मिटा दे ।
Friday, June 12, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
अतिज्ञानवर्धक
ReplyDelete