दस महादान ----वैसे तो हर व्यक्ति को अपनी जीवन में ये दान कर लेना चाहिए । अगर न कर पाए तो अंत समय उसके प्री जन को ये दान जरीर करा कर जाने वाले की महा यात्रा को सम्पूर्ण व सरल सुखमय बनाने का प्रयास करना चाहिए । ।
ये सभी दान किसी पंडित को बुला कर ही करना चाहिय मंत्रो के उच्चारण सहित ही करना चाहिए । और दान के संकल्प का जल उसीपंडित के हाथ में देना चाहिए ; तभी संकल्प पुरा होता है । कोई भी पूजा छोटी , बड़ी,और मीडियम तिन प्रकार की होती है । पूजा अपनी सरधाऔर सामर्थ्य के अनुसार की जाती है .
१ --गोऊ दान ---अगर हो सके तो एक गो का ही दान करे , अन्यथा उसके मैप दंड के अनुसार रुपया लेकर संकल्प करे गोऊ दान के साथ दूध रखने का पात्र जरुर दे ।
२--भूमि दान --जिस चीज का दान देना हो वः चीज या उसके मूल्य का द्रव्य रखकर अक्षत , पुष्प ,जल के साथ अर्पण करे ।
--३--तिल दान --काले सफ़ेद तिल का दान करे ।
४--स्वर्ण दान ---सोने का दान करे ।( एक रवा , रत्ती या अपनी सामर्थ्य अनुसार ।
५-घी दान --घी का दान करे ।
६--वस्त्र दान --वस्त्र और उप वस्त्र के रूप में दो नए वस्त्र ब्राह्मण को दान करे ।
७ -- अन्न दान --गेहूं , चावल , चना , जवा ,और मुंग सहित पञ्च अनाज का दान करे।
८--गुड दान -- गुड का दान करे।
९ -- रजत दान --- चांदी का दान करे ।
१०-- लवन दान ---नमक का दान करें ।
ये सभी चीजो का दान प्रत्यक्ष दान करे या इच्छानुसार मुद्रा दान करे ।
Sunday, May 31, 2009
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