Monday, November 2, 2009

इश्वर की माया

इश्वर की माया बहुत विचित्र है वह हर पल मनुष्यों की परीक्षा लेती रहती है .इश्वर और मनुष्यों के बिच वाही एक पर्दा है जो जीव की परमात्मा से दूर करके डंके रहता है । माया तरह तरह के प्रलोभन दे कर जीवको भटकने पर मजबूर करती है । और प्राणी उन्ही सब में उलझ कर जन्म जन्म तक भटकता रहता है । उस परम तत्व तक पहुँच ही नही पता है .जो प्राणी अटल निश्चय वाला होता है वह इन सबको पर करके अपनी आत्मा को प्रबल बना कर उस परमात्मा को पता है ।
जीवन में आने वाली परेशानियाँ हमारी परीक्षा के लिए आती है जो परीक्षा पास कर लेता है वह समझो उसके समीप आता जाता है । आप यह भी जानो की जिस पर भगवन दया करते है उसी की परीक्षा भी लेते है । कुंती ने भगवान से साडी जिन्दगी का कष्ट माँगा था ताकि वह हमेशा भगवन को याद रखे .और भगवन भी उसकी खबर रखे रहे । परेशानी में ही सच्ची पर्व्ख होतीहै चाहे वह मित्र हो , पत्नी हो , भाई हो या एनी कोई भी ।
इसीलिए हमको जीवन में आने वाली परेशानियों से डरना नही चाहिए बल्कि उनका डट कर मुकाबला करना चाहिए .

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